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गणतंत्र दिवस पर भाषण | Speech on Republic Day | 26 January Speech for children 2019

गणतंत्र दिवस - 26 जनवरी

[भाषण]
सत्यमेव जयति नानृतम, सत्येन पन्था विततोदेवयानः|
येनाक्रमंती ऋषियो हि आप्तकामा, यत्र तत्र सत्यस्य परमम् निधानम ||

आज छब्बीस जनवरी गणतंत्र दिवस की इस पावन बेला में उपस्थित हमारे विद्यालय के आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, विद्यालय के सभी सम्माननीय शिक्षकगण, भारतीय गरिमा-महिमा-कृति-कीर्ति के भविष्य का भार अपनी तेजोमय भुजाओं में उठाने वाले मेरे सभी विद्यार्थीगण तथा जिज्ञाषा भाव से पधारे अन्य सभी श्रोताओं !

 आज का दिन बड़ा ही पावन एवं हर्षोल्लास का दिन है | आज ही के दिन हमारा देश गणतंत्र हुआ था | भारत का प्रत्येक नागरिक 26 जनवरी 1950 से एक ऐसे सूत्र में बंधा गया, जिस सूत्र ने अनेकता की कालिमा को, अश्पृश्यता की कालिमा को, असामाजिक गतिविधियों को संविधान की ज्योति देकर दूर कर दिया | समानता के अधिकार ने भारत में हो रहे असमानता को रोक कर देश के उन सभी नागरिकों को सुन्दर एवं सुखमय भविष्य बनाने का समान अवसर प्रदान किया | 

बंधुओं! जब कोई देश गणतंत्र हो जाता है तब उस देश में जनता की शक्ति सर्वोच्च हो जाती है | तब शासक चयन की शक्ति जनता के पास आ जाती है | जनता अपने संवैधानिक नियमों के आधार पर कर्तव्याकर्तव्य के बीच सत्य निर्णय लेकर देश के उत्थान हेतु शासकों का चयन करती है | इस व्यवस्था को मूर्त रूप देने में तथा देश को स्वतंत्र करने में अनेक वीरों ने अपने जीवन को आहूत किया है | इसलिए हमें गर्व होना चाहिए अपने देश के लोकतांत्रिक प्रणाली पर, हमें गर्व होना चाहिए अपने देश के संविधान पर, हमें गर्व होना चाहिए संविधान निर्मात्री डॉ. भीमराव अंबेडकर पर, हमें गर्व होना चाहिए सरदार बल्लभ भाई पटेल पर, हमें गर्व होना चाहिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर, हमें गर्व होना चाहिए अबुल कलाम आजाद पर, हमें गर्व होना चाहिए उन सभी सदस्यों पर भी जिन्होंने अथक परिश्रम करके 2 वर्ष 11 महीने एवं 18 दिन में ही भारत देश के विशाल संविधान का निर्माण किया | एक ऐसा नियम, एक ऐसी व्यवस्था उन्होंने दी जिसका लक्ष्य देश में शांति, सुख और समानता की स्थापना करना था | 70वाँ गणतंत्र दिवस का यह पावन पर्व एक दिव्यता के साथ पुरे भारत वर्ष में हम सभी मिलकर मना रहे हैं | आप सबों की पावन उपस्थिति में मै बस इतना कहकर अपनी वाणी को विराम दूंगा/दूंगी कि 


नियम व्यवस्था देश की, उत्तम और महान |
सुखी सुरक्षित सभी रहे, लक्ष्य बना संविधान ||

संविधान निर्माण में, देश भक्त विद्वान् |
आज़ादी के बाद भी, दिए पूर्ण योगदान ||

उन्नीस सौ उन्चास में, नवम्बर का मास |
छब्बीस तारीख पूर्ण हुआ, संविधान यह ख़ास ||

संविधान लागू हुआ, उन्नीस सौ पच्चास में |
हुआ देश गणतंत्र, मना ख़ुशी उल्लास में ||

राष्ट्र पर्व यह बन गया, अब देश मनाता शान से |
दिव्य देश भारत मेरा, कहते हैं स्वाभिमान से ||

जय जय भारत मातृभूमि यह, मिली हमें बलिदान से |
वीर विरांगिनी बाल-बृद्ध भी, शहीद हुए हैं शान से ||

जय जय भारत जय जय भारत, बोल उठा इस गान से |
एक साथ एक स्वर में बोलें, हम हैं हिन्दुस्तान से || भारत भूमि महान से || हम हैं हिन्दुस्तान से ||

जय हिन्द ! जय भारत !!

 - सनियात
सम्पादक एवं संस्थापक
Word to Dictionary, Gyapak
Website:- www.wordtodictionary.com
www.gyapak.com