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Poem on Prime Minister of India | प्रधान मंत्री पर कविता | नरेन्द्र मोदी पर कविता

माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रशस्ति में 


भारत की गौरव-गरिमा को आप शिखर तक पहुँचाये हैं, 
अपने अद्भुत साहस के बल विश्व-पटल पर भी छाये हैं। 
रूस, चीन, जापान सभी भारत की शक्ति जान रहे हैं, 
फ्रांस, अमेरिका, इंगलैण्ड इसकी गरिमा पहचान रहे हैं। 
यू ए ई और इजरायल भी मोदी की महिमा गाते है,ं
जहाँ विश्व-सम्मेलन होता, वहीं मोदी जी छा जाते हैं।

ज्ञान, ध्यान,विज्ञान साथ ले, सत्य धर्म के हैं सम्बोधि, 
जहाँ कहीं भी आप जा रहे, लोग कह रहे मोदी! मोदी!
ऋषि तुल्य इनका जीवन है, अनुपम अनुशासन तंत्री हैं, 
आजादी के बाद देश को, ऐसा मिला प्रधानमंत्री है। 
मेकइन इंडिया की दृष्टि से, विश्व शक्ति को भाॅप रहे हैं। 
और आपके सिंह गर्जन से, पाक-चीन भी काॅप रहे हैं। 
राष्ट्रीयता का शंखनाद इनके भाषण में बोल रहा है,
ओज पूर्ण वाणी सुन, गर्वित धरती-अम्बर डोल रहा है।

देशहित में जो भी होता, बिना हिचक, निर्णय लेते है,
वोट बैंक की राजनीति को, कभी नहीं प्रश्रय देते हैं।
स्वार्थवाद की राजनीति से, मुक्त देश हो यह सवाल है,
तुष्टिकरण की क्षुद्रनीति से, हुआ देश का बुरा हाल है। 

संसद में जब भाषण देते, सन्नाटा सा छा जाता है, 
कथ्य, तथ्य के साथ सत्य शब्दों में बँधकर आ जाता है। 
वाणी के हैं आप बाजीगर ओज-तेज के प्रभापुंज हैं, 
शब्द-शक्ति के आवाहन में राष्ट्र भक्ति की भरी गूँज है।

सुनकर तीखे व्यंग-वाण भी, सभी विरोधी हुए पस्त हैं,
देश-भक्ति के आवाह्न से, राष्ट्र विरोधी हुए त्रास्त हैं। 
हर भारत वासी को अपने धर्म-संस्कृति से जोड़ रहे हैं, 
नव-विकास पथ पर चलने को, नई पीढ़ी को मोड़ रहे हैं।

सबका साथ विकास सभी का जीते हैं विश्वास सभी का, 
विश्व शक्ति भारत बन जाये, श्वाँस-श्वाँस प्रयास इसी का। 
आगे ले जा रहे देश को, नव विकास के सत्य शोधी हैं,
भारत का है भाग्य, मिले प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी हैं। 
-सुखनन्दन सिंह ‘सदय’
सम्पादक, विहंगम योग संदेश
(आध्यात्मिक मासिक पत्रिका)
झूँसी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
Mob. 9430151677