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मेथी का पानी: लाभ और हानि | Fenugreek Water: Profit & Loss

मेथी का पानी: लाभ और हानि

 
 
60 ग्राम मेथी दाना बारीक पीसकर एक गिलास पानी में डालें। 12 घंटे के बाद छानकर नित्य सुबह-शाम दिन में दो बार छः सप्ताह तक पीते रहने से मधुमेह(डायबिटीज) रोग ठीक होने की सम्भावना रहती है।
 
नोट: इस प्रयोग के साथ यदि इसके हरे पत्तों की सब्जी भी खाई जाय तो अधिक व शीघ्र लाभ होता है। (चिकित्सा प्रकाश)
 
यह उष्णवीर्य कारक है, गर्म प्रकृति वाले व्यक्ति इसका अधिक सेवन न करें। 
 
 
  • मेथी के बीजों का चूर्ण भी मधुमेह के लिए लाभकारी होता है। रक्त में बहुत अधिक शर्करा होने पर भी इससे बहुत शीघ्र लाभ मिलता है। इसका सेवन कम से कम छः महीने तक करना चाहिए। सामान्य बीजों का चूर्ण एक चम्मच(5 ग्राम) प्रतिदिन तीन बाद पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।
 
 
  • 25 ग्राम मेथी आध गिलास पानी में भिगोयें, 12 घंटे बाद मेथी को छानकर अंकुरित करके खायें और पानी को गर्म करके पीयें। यह मेथी का श्रेष्ठतम उपयोग है। खाने के 10 मिनट पूर्व मेथी के चूर्ण की फंकी लें। दाना मेथी या मेथी के हरे पत्तों का गुण समान है। इनमें से किसी का भी प्रयोग किया जा सकता है।
 
 
  • मधुमेह में दो चम्मच कूटी हुई दानामेथी और एक चम्मच सौंफ रात को 200 ग्राम पानी में भिगोंकर प्रातः पानी छानकर पीयें। इस विधि से गर्म प्रकृति का व्यक्ति मेथी का सेवन करें।
 
 
  • सर्वगुण सम्पन्न- मेथी दाना का प्रतिदिन सेवन करने वाले व्यक्ति के पास बहुत सारे रोग नहीं आते हैं। जैसे- लकवा, पोलियो, हृदय रोग, निम्न एवं उच्च रक्तचाप, मधुमेह, श्वास की बीमारी, हड्डी का बुखार, बवासीर एवं जोड़ों का दर्द इत्यादि। इस हेतु नित्य दो चम्मच मेथी के चूर्ण की फंकी लें। इसके प्रयोग का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता और परहेज भी नहीं होता। इतना ही नहीं मेथी दाना के सेवन से नश-नाड़ियों का अवरोध दूर होना बताया गया है। 
 
सावधानी: जिनकी प्रकृति गर्म हो, उन्हें तेज गर्मी के मौसम में मेथी और सावधानी से करना चाहिए। मेथी का प्रभाव गर्म होता है। अतः इसे सर्दी के मौसम में सेवन करना अधिक लाभदायक माना जाता है। 
 
 
  • मेथी का पानी कई रोगों में लाभकारी है। यह घुटनों के दर्द में भी लाभकारी है। 
 
 
  • मेथीदाना में हमारे शरीर के अन्दर के किसी भी भाग की टुटी हुई हड्डी तक को जोड़ने का सामर्थ्य बताया गया है। यह हांथ-पैर के एक-एक जोड़ के दर्द को ठीक कर देती है। दाना मेथी पीसकर आटे में डालकर हलवा बनाकर खायें। फंकी भी लिया जा सकता है। 
 
 
  • मेथी का मधुमेह में विशेष प्रयोग: दानामेथी के सेवन से मधुमेह ठीक होता है। इसके सेवन की मात्रा 25 ग्राम प्रति खुराक बताया गया है। इसे किसी भी तरह सब्जी बनाकर तथा इसके चूर्ण को आटे में मिलाकर रोटी बनाकर किसी भी तरह ले सकते हैं। मेथी रेशेदार भोज्य पदार्थ है। चार चम्मच मेथी दाना की नित्य तीन बार फंकी लेने से रक्त में ग्लूकोज की बढ़ी मात्रा पर नियंत्रण हो जाता हैं यदि मधुमेह की कोई औषधि ली जा रही हो तो उसके साथ दानामेथी लेने से शीघ्र लाभ होता है। 

निष्कर्ष :

 
  • अतः निष्कर्ष रूप में यह बात कही जा सकती है कि सामान्यतः 50 ग्राम मेथी दाने को 200 ग्राम पानी में डालकर 12 घंटे तक छोड़ दें और उस पानी को सुबह-शाम खाली पेट सेवन करें। यह प्रयोग लगातार छः मास तक करने से सभी रोगों में लाभकारी होता है। हां उष्ण प्रकृति वाले व्यक्ति गर्मी के दिनों में इसका सेवन कम करें तो अच्छा है। इसके जगह पर 10 ग्राम अंकुरित मेथी दाने का सेवन करें या इसके चूर्ण को आटे में मिलाकर प्रयोग करें। गर्मी के दिनों की अपेक्षा सर्दी के मौसम में इसका सेवन अच्छा माना जाता है। यह शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है या यूँ कहें कि यह सेहत का साथी सर्वगुण सम्पन्न अचुक औषधीय गुणों से भरपूर है।
 
 
  • यह रक्त को शुद्ध करता है तथा भूख को बढ़ाने में भी लाभदायक है। परन्तु इसके बीज कड़वे, गर्म, पौष्टिक तथा कामोद्दिपक भी माना जाता है। चाहे जो कुछ भी हो अपनी शारीरिक अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए मेथी के पानी का सेवन उचित मात्रा में बराबर सेवन करें तो कोई हानी नहीं है। 

 
 
Ref. सन्दर्भ-  आयुर्वेद चिकित्सा प्रकाश, भावप्रकाश, द्रव्यगुण विज्ञान।